उपरोक्त मानचित्र 11 वीं शताब्दी में रामानुजाचार्य द्वारा महाभारत के निम्नलिखित श्लोक को पढ्ने के बाद बनाया गया था-
एक खरगोश और दो पत्तो का चित्र
चित्र को उल्टा करने पर बना पृथ्वी का मानचित्र
उपरोक्त मानचित्र ग्लोब में
http://hi.wikipedia.org/wiki/पृथ्वी_का_हिन्दू_वर्णन
सुदर्शनं प्रवक्ष्यामि द्वीपं तु कुरुनन्दन। परिमण्डलो महाराज द्वीपोऽसौ चक्रसंस्थितः॥ यथा हि पुरुषः पश्येदादर्शे मुखमात्मनः। एवं सुदर्शनद्वीपो दृश्यते चन्द्रमण्डले॥ द्विरंशे पिप्पलस्तत्र द्विरंशे च शशो महान्। | ||
वेद व्यास -भीष्म पर्व -महाभारत
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चित्र को उल्टा करने पर बना पृथ्वी का मानचित्र
उपरोक्त मानचित्र ग्लोब में
http://hi.wikipedia.org/wiki/पृथ्वी_का_हिन्दू_वर्णन
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