मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012

मृत्यू के पश्चात किसे गाड़ा जाता है और किसे जलाया जाता है और क्युं

                                   ॐ श्री महागणेशाय नमः



 आप सोचते है कि सिर्फ़ मुसलमानो या आदिवासियो मे ही मृतक को गाड़ा जाता है परन्तु एसा नही है हिन्दुओ मे भी मृतक को गाड़ा जाता है परन्तु गाड़े जाने के कारण हैं


मृतको को गाड़े जाने का कारण :--
हिन्दुओ मे सिर्फ़ बच्चो को गाड़ा जाता है जिनकी उम्र कम होती है यह एसे बच्चे होते है जिनको सिर्फ़ खाना , सोना और मैला करना आता है । एसे अपरिपक्व बच्चो या जीवात्माओ को जलाया नही जा सकता क्युंकि एसी अपरिपक्व जीवाअत्माएं शरीर से अलग होने के बाद पृथ्वी के वायुमण्डल को भेद नहीं सकती और भटक जाया करती हैं और लोगों को पीड़ित करती हैं इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि एसी आत्माएं शरीर पाकर अपनी इच्छाएं की पूर्ती की ही सदा कामना करती हैं और प्रयासरत रहा करती है आपने तो देखा ही होगा बच्चो के व्यव्हार को जो अच्छा लगा जिद करने लगे , या पसंद आई वस्तू छुड़ा ली सब अपना ही दिखता है उनको यही कारण है जब किसी कारण बच्चो की अकाल मृत्यू होती है तो इच्छाओ की पूर्ती न होने के कारण वे गति को प्राप्त नही कर सकती । अतः एसे मे यदि इनके शरीरो को जला दिया जाय तो निशचय ही यह आत्माएं भटक जायेंगी अतः इनके शरीरो को गाड़ दिया जाता है जिससे वे आतमाएं स्थिर रहें और परिवार जन उनकी आत्मा की मुक्ती के लिये विषेश प्रयास कर सकें ।

हिंदुओं मे कुछ जातियों वयस्कों को भी गाड़ा जाता है इसके पीछे उनका उद्देशय यह हुआ करता है कि वे मुक्ती नही पाना चाहते , कुछ जीवित समाधी भी ले लेते हैं जैसे बाबा रामदेव पीर और और भी कई साधू स्वाभाव वाले व्यक्ति इनमे आते है इनका यह उद्देशय होता है कि उनका प्रभाव सदा रहे यह भी मुक्ती नही पाना चाहते

मृतकों को जलाये जाने का कारण :--
जलाया उन मृतको के शरीरो को है जो परिपक्व हो चुके हो अच्छा बुरा जानते हों अपने और दूसरे के अधिकारो आदि को समझते हो वैसे आप उपर लिखी बातो से समझ ही चुके होगे ज्यादा विस्तार से बताने कि आवश्यकता नही है और जलाने से पहले इन सभी को शास्त्रो आदि के द्वारा यह ज्ञान करा दिया जाता है कि आत्मा के शरीर से अलग होने के बाद क्या अनुभव होता है और किस प्रकार आत्मा गती को प्राप्त कर सकती है जब तक मृतक के शरीर को जलाया नही जाता आत्मा गती प्राप्त नही कर सकती


अब आप सोच सकते हैं कि मुसलमानो और ईसाईयों मे गाड़ा जाने का क्या अर्थ है इसी तरह आप यह भी समझ सकते हैं कि जो पीर-फ़कीरों की कब्रें है यह सब क्या हैं और क्यु हैं ? यह एक तरह का आध्यात्मिक प्रदूषण है जो हिन्दुत्व की पवित्रता को दूषित कर रहा है इसको समाप्त करने के लिये विषेश अनुष्ठानो की आवशयकता है जो हिंदुओं द्वारा किये जाने चाहिये

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