मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012

कहते है भगवान अच्छे लोगों को जल्दी उठा लेते हैं

                                               ॐ श्री महागणेशाय नमः




    मैने अकसर सुना और देखा भी है कि जो बहुत अच्छा होता है , मिलनसार होता है , सबका भला चाहने और करने वाला होता है उसकी मृत्यू समय से पहले ( अकाल ) हो जाया करती है और एसे समय कहा जाता है भगवान अच्छे लोगो को जल्दी उठा लेते हैं । अब यह बात तो उस साधारणतः समझ से बाहर है और लोगो का भगवान को एसा कहना कि भगवान अच्छे लोगों को जल्दी उठा लेते है सी्धे भगवान पर ही दोषारोपण करने के समान है बात असल मे यह है कि भगवान उसे इसलिये उठा लेते है क्युंकि वो अच्छा तो होता है परन्तु वह भगवान की बनाई इस दुनिया मे अपने प्रभाव से हस्तक्षेप करते हुये अनाधिकृत परिवर्तन करने का प्रयास करता है वह कैसे अब यह समझने के लिये आप मानिये कि गणित मे शून्य से नौ तक की संख्या जो एक दूसरे से छोटी बड़ी तो हैं परन्तु महत्व सभी का समान है अब आप किसी का कोई भी गणित संबंधित कार्य कर रहे और अब आप मेहनती भी है समय पर कार्य करने वाले भी है परन्तु आप यंहा अन्कों के छोटे-बड़े होने से दुखीः हैं और आप सभी को समान बता रहे है और उसी अनुसार गणित संबंधी कार्य कर रहे है । अब सीधी सी बात है आपको तो लात मारकर भगाया जाना तय है । इसी तरह इस संसार का भी व्यापार चलता है इस संसार मे छोटे बड़े सभी है परन्तु महत्व सभी का बराबर है परन्तु तब भी सभी की श्रेष्ठता मे भिन्न्ता होना निश्चित भी है और जरूरी भी अब यह अच्छे कहलाने वाले महान जीव बस यही गलती करते हैं कि सभी भिन्न्ताओं के महत्व को न स्वीकार करते हुये श्रेष्ठता की भिन्न्ता को समाप्त कर ईश्वर के व्यवसाय मे बाधा उत्पन्न करने का प्रयास करते हैं बस यही कारण होता कि भगवान उन्हे उनके अच्छे होने के कारण अपने पास नही बुलाते बल्कि दण्डित करके भगा देते है । आप खुद ही सोचो यदि वे वास्तव मे अच्छे होते तो भगवान उन्हे उस धरती से क्युं अकाल मृत्यु के रूप मे दण्डित करते जबकि इस धरती को तो अच्छे लोगो की जरुरत होती है नही तो क्युं भगवान बार-बार अवतार लेते और उसी भिन्न्ता ( वर्ण आदि ) को प्रतिष्ठित करते जय हो जरा गम्भीर होकर सोचो भाईयों नही तो ज्यादा अच्छा बने और एक को नौ या नौ को एक बनाने का प्रयास किया तो सोच लो क्या होगा ?

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