मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012

वेदमंत्रानुसार ब्राह्मणद्रोहियो की संतानो को हिंसा करने वाले समाप्त कर देते हैं

     ब्राह्मणो पर कृपादृष्टी बनाये रखने वाले देव भगवान श्री गणेशजी को प्रणाम


क्या तुम ब्राह्मणद्रोहियो ने अफ़्गानिस्तान , कांधार काबा आदि सभी स्थानो  मे नही देखा और अनुभव किया कि जंहा पहले  हिन्दुत्व का राज था जंहा ब्राह्मण वेदपाठ व यज्ञ किया करते थे  उस समय वंहा रेत का ढेर न होकर हरियाली और खुश्हाली थी । परन्तु चन्द्रगुप्त के बाद मोर्य वंश मे मिलावट होनी शुरु गई और अशोक ब्राह्मणी और क्षत्रिय की वर्ण-विलोम संकर जाती की संतान ने ब्राह्मणो के यज्ञ आदि को प्रतिबन्धित कर दिया और आसपास के सभी राज्यो पर आक्रमण कर कर के बौद्ध बनाना शुरु कर दिया तब लगभग सभी कुछ बौद्ध मय हो गया था परन्तु फ़िर इन सभी बौद्धो का क्या हुआ जो इनका आज इन जगहो पर नामो निशान भी नही है आइये देखे वेदों मे इनके लिये क्या लिखा है इस विषय मे

ये बृहत्सामा्नमाग्ङरस्मार्पयत् ब्राह्मणं जनाः ।
पेत्व्स्तेषामुभयादम्विस्तोकान्यवयत् ॥अथर्व ५-१९-२॥
जो लोग वृहत्साम वाले (वेदभ्यासी) आंगिरस(तेजस्वी) ब्राह्मणो को सताते हैं उनकी संतानो को हिंसा करने वालों ,पशुओ या काल ने दोनो जबड़ो मे पीस डाला ।

तो वेदमन्त्रो के अनुसार अफ़गानिस्तान,कांधार आदि सभी जगहो पर यही प्रमाणित हुआ और भारत के बहुसंख्यक बौद्धो की संतानो को हिंसा करने वालो ने दोनो जबड़ो मे पीस डाला और आसाम केरल आंध्रा आदि सभी जगहो पर यही सब तो हो रहा है क्या यह सब दिखाई नही दे रहा है ब्राह्मणद्रोहियो अभी भी नही सम्हले तो सभी ब्राह्मणद्रोहियो की संतानो को यह हिंसा करने वाले ,पशु या काल दोनो जबड़ो मे पीस कर उसी तरह समाप्त कर देगा जिस तरह अफ़गानिस्तान, कांधार,काबा ,पाकिस्तान,बांग्लादेश आदि जगहो पर समाप्त किया जा चुका है और आज भी आसाम,कर्नाटक,बंगाल ,उत्तरप्रदेश,केरल आदि जगहो पर लगातार किया जा रहा है और जल्द ही बोम्बे आदि जगहो पर भी शुरुआत हो सकती  है इसी तरह क्या नही देखा या जाना क्या कि किस तरह इन्दिरा एक ब्राह्मण से गौ हत्या के कारण शापित हुई और उनकी संताने किस तरह समाप्त हो गई और भविष्य मे भी क्या वही सब नही होगा वेदमन्त्रानुसार यह सब तय नियमानुसार ही हो रहा है जो भी ब्राह्मणद्रोही हुआ है उसका वंश अवश्य ही पतित हुआ है फ़िर वह ब्राह्मण स्वयं ही क्युं न रहा हो

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