मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012

संत कौन

                                                   ॐ श्री महागणेशाय नमः

 मै आजकल जिधर देखता हुं संत ही संत दिखाई देते हैं कोई भगवा वस्त्र पहनकर जड़ी-बूटियां बेच रहा है कोई योग बेच रहा है कोई सन्त बनकर प्रवचन देकर लोगो को अपना अनुयाई बनाने मे लगा है कोई तिलक लगा भभूत चुपड़ बैठा है वो भी संत कहला रहा है परन्तु एसे लोगो को संत कहने वाले यह जानते भी नही हैं कि संत कहा किसे जाता है जरा देखें

संत:- संत उसे कहा जाता है जो सत्य की रक्षा के लिये अन्त तक संघर्ष करे और फ़िर इस कार्य के लिये उसे शस्त्र ही क्युं न उठाना पड़े और सत्य के विरोधियों और सत्य को दूषित करने वालो को समूल मिटाना ही क्युं न पढ़े

अब बताओ क्या आप बाबा रामदेव को संत कहना चाहिये क्या आशाराम को संत कहना चाहिये जिसने भगवान श्री राम की बराबरी करने के लिये अशारामायण बना डाली है हद्द होती है साय  को संत कहा जाता है सत्य साय को संत कहा जाता है और भी न जाने कितने एसे पाखण्ड़ी संत है मुझे बताओ यह कौनसे सत्य की रक्षा के लिये संघर्ष कर रहे हैं सब सिर्फ़ पैसा कमा रहे हैं और देखना यही पाखण्डी संत धीरे-धीरे एक नये सम्प्रदाय के रूप मे विकसित हो जायेंगे साय का एक अलग सम्प्रदाय होगा आशा बाबा का अलग एसे न जाने कितने सम्प्रदाय इन पाखण्डी संतो द्वारा बना दिये जायेंगे

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