गुरुवार, 22 दिसंबर 2011

क्या हमारा बच्चा हमारी सोच के अनुसार बनेगा ?

                                                  ॐ श्री माह गणेशाय नमः                                         

फिल्म और टीवी के दुपयोग से बच्चो को बचाना चाहिए । छोटे बच्चों के दिमाग पर छोटी-छोटी बातों का बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है टीवी और फिल्मों मे बलातकार , हिंसा , अश्लीलता , फूहड़ता आदी ही दिखाई जाती है । यह सब देखकर बच्चे का कोमल मन बुरी तरह उसके प्रभाव मे आ सकता है ।

किए गए एक सर्वे के अनुसार  तीन वर्ष का बच्चा जब टी.वी. देखना शुरू करता है तो रोज पाँच घंटे के हिसाब से बालक 20 वर्ष का होने तक  33000 हत्या और 72000 बार अश्लीलता और बलात्कार के दृश्य देख चुकी होती हैं । ।

जब गाँधी नाम का बालक एक या दो बार हरिश्चन्द्र का नाटक देखकर सत्यवादी बन सकता है  और वही बालक महात्मा गाँधी के नाम से आज भी पूजा जा रहा है। हरिश्चन्द्र का नाटक जब दिमाग पर इतना प्रभाव दिखा सकता है जिससे  कि उस व्यक्ति को जिंदगी भर सत्य और अहिंसा का पालन करने वाला बना दिया, तो जो बालक 33 हजार बार हत्या और 72 हजार बार बलात्कार का दृश्य देखेगा तो वह क्या बनेगा? हम भले आशा रखो कि आपका बच्चा  योग्य सज्जन बनेगा, महापुरूष बनेगा परन्तु इतनी बार बलात्कार और इतनी हत्याएँ देखने वाला क्या बनेगा आप ही सोच लें ।

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