गुरुवार, 22 दिसंबर 2011

साय राम और भोला साय जैसे भगवान और अवतारों से समानता दिखाने वाले शब्दों का प्रयोग मूर्खतापूर्ण है

                                                     ॐ श्री महागणेशाय नमः

   बहुत से अंधे साय भक्त जब साय राम , भोला साय कहते हैं तो उनके इस महान कार्य से बहुत कष्ट होता है । मूर्खों द्वारा प्रचारित भगवान और अवतारो से  समानता दिखाने वाले शब्दों पर पहले अच्छी तरह विचार कर लेना चाहिए । क्यूंकी यदि आप सायराम कहते हैं तो भगवान श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं भगवान श्री रामजी ने मनुष्य जन्म लेकर मनुष्य के सभी मर्यादा और कार्याओं पूरी तरह पालन किया है । और साय उनकी तुलना मे धूल के भी बराबर नही हैं ? दूसरे माता सीता एक पतिव्रता नारी हैं और आप साय को भगवान श्री राम बताकर माता सीता के पतिव्रता जीवन को कलंकित कर रहे हैं । इस बात का आपको पहले विचार करना चाहिए । एसा ही साय को भगवान शिव के बराबर बताकर आप एक साधारण मनुष्य को भगवान बता रहे हैं दूसरे आप माता पार्वती के पतिव्रता जीवन को भी कलंकित कर रहे हैं । यदि आप एसा करते हैं तो आप सबसे बड़े मूर्ख हैं । और इससे भी आगे देखिए नवरात्री मी 9 दिन तक माता के नव रूपो की आराधना की जाती है परंतु महाज्ञानीयों द्वारा 9 दिन तक साय को बैठाया जाता है और पूजा जाता है । अरे महाज्ञानियों जो इस धरती पर मनुष्यों के समान पैदा हुआ जिया और मर गया वह इस योग्य नही है । न अवतारों जैसा कोई कार्य किया न ही मनुष्यों का कोई कर्तव्य निभाया । हा यदि संत कहते हो तो कुछ हद तक यह माना जा सकता है । परंतु भगवान और अवतार बताना सिर्फ मूर्खों का काम है आप यदि एसा करते हैं तो निश्चित ही आप किसी लालच के कारण एसा करते हैं और आप जब देवियों के प्रतीव्रता जीवन को कलंकित करने से नही चूक रहे हैं तो अपनी माँ बहन के क्या होंगे और क्या इस देश-धर्म का भला कर पायेंगे ?

साय भगवान शिव और भगवान श्री रामजी की तुलना मे एक साधारण मनुष्य ही हैं । क्यूँ क्या साय ने कहा था क्या की वे भगवान शिव हैं या भगवान श्री राम हैं साय कहते थे सबका मालिक एक और साय के भक्त कहते हैं नही सबका मालिक साय है
महज्ञानी हिंदुओं तुलनात्मक अध्ययन की योग्यता का प्रयोग कीजिये । नही तो आपमे और पशुओं मे कोई फर्क नही रह जाएगा ?

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