गुरुवार, 22 दिसंबर 2011

गर्भस्थ को कील मुहासों की क्रीम से खतरा

                                                       ॐ श्री महा गणेशाय नमः

गर्भधारण की योजना बना रही या गर्भवती अथवा स्तनपान कराने वाली महिलाएं मुहासों से निजात दिलाने वाली क्रीम चेहरे पर लगाना तो दूर उंगली से छूये भी नही । क्यूंकी इससे उनका गर्भस्थ शिशु हमेशा के लिए न सिर्फ पंगु हो सकता है बल्कि उसके दिल मे छेद तक होने का खतरा हो सकता है । विशेषज्ञों का मानना है की मुहासों की क्रीम मे विश्व स्वस्थ संगठन द्वारा निर्धारित सी. तथा एक्स श्रेणी की दवाए होती हैं । जिनसे गर्भस्थ शिशु मे विकरतीयन पैदा हो सकती हैं ।

 मुहासों से छुटकारा दिलाने वाली क्रीम मे एजेलेक एसिड एडेपलेन,ट्रेटिनोइन ,सोडियम , सल्फासेटेमाइड , किलनडामाइसिन, एरथ्रोमाइसिन , सेलिसाइलिक एसिड ,हाइड्रो काटिजोन तथा बेंजोइल पेरोक्साइड जैसे तत्व होते हैं । इनके रक्त मे पनहुचने के बाद इनसे गर्भस्थ शिशु के हाथ पैर सामान्य से छोटे होना , दिल मे छेद होना , मानसिक रूप से विक्षिप्त होना , होठ या तालु कटे होना , आँख व कान मे दोष होना तथा मूत्राशय से संबन्धित दोष हो सकते हैं ।

गर्भपात की आशंका

कुछ विशेषज्ञों का मानना है की इनके नियमित स्तेमाल से गर्भपात तक होने की संभावना होती है । अमेरिका मे एसे कई अध्ययन किए जा चुके हैं । जिनके आधार पर लोगो को सलाह दी जाती है । की मुहासे दूर करने वाली क्रीम बिना डाक्टर की सलाह के कभी नही लगाना चाहिए ।

मुहासों की जिन क्रीमों मे " ट्रेटिनोइन " हो उन्हे तो गर्भावस्था और स्तनपान के समय के अलावा घर्भ धरण करने की योजना बनाते समय भी नही लगाना चाहिए । क्यूंकी जांच के दौरान यह सिद्ध हो चुका है की इन क्रीमों के लगाना बंद करने कम से कम  1 माह तक इनका असर रहता है ।

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